suvichar in hindi latest anmol vachan
यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढाया
और अभ्यास कराया गया होता,
तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का
एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता .
हमारा कर्तव्य है कि हम हर किसी को उसका उच्चतम
आदर्श जीवन जीने के संघर्ष में प्रोत्साहन करें ;
साथ ही साथ उस आदर्श को सत्य के जितना निकट हो सके
लाने का प्रयास करें .
एक विचार लो. उस विचार को अपना जीवन बना लो –
उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो ,
उस विचार को जियो . अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों , नसों ,
शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो ,
बाकी सभी विचार को किनारे रख दो. यही सफल होने का तरीका है.
जिस क्षण मैंने यह जान लिया कि भगवान
हर एक मानव शरीर रुपी मंदिर में विराजमान हैं ,
जिस क्षण मैं हर व्यक्ति के सामने श्रद्धा से खड़ा हो गया और उसके भीतर भगवान को देखने लगा – उसी क्षण मैं बन्धनों से मुक्त हूँ ,
हर वो चीज जो बांधती है नष्ट हो गयी , और मैं स्वतंत्र हूँ .
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